मुसलमानों का दावा है कि मुहम्मद का नाम बाइबिल में से निकाल दिया गया है।
बहुत से मुसलमान बाइबिल की वैधता को बदनाम करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि इस में मुहम्मद के नाम का उल्लेख एक भी वचन में नहीं है। उनकी पवित्र पुस्तक अल-कुरआन में पाये जानेवाले इन दो वचनों के आधार पर वे यहूदियों और ईसाइयों के ग्रंथों में मुहम्मद का नाम देखने की अपेक्षा करते हैं।
और जब ईसा बिन मरयम ने कहा कि "ऐ बनी इस्राईल मैं तुम्हारी तरफ़ अल्लाह का भेजा हुआ रसूल हूँ, तस्दीक (पुष्टि) करने वाला हूँ उस तौरात की जो मुझसे पहले से मौजूद है, और ख़ुशख़बरी देनेवाला हूँ एक रसूल की जो मेरे बाद आएगा, उसका नाम अहमद होगा" सूरह अस-सफ़्फ़ 61:6
जो लोग पैरवी करेंगे उस रसूल की जो नबी उम्मी (अनपढ़) है, जिसे वे अपने यहाँ तौरात और इंजील में लिखा हुआ पाते हैं। वह उन्हें नेकी का हुक्म देता है और उन्हें बुराई से रोकता है और उनके लिए पाकीज़ा चीज़ें जाइज़ ठहराता है और नापाक चीज़ें हराम करता है; सूरह अल-आराफ़ 7:157
अधिक शिक्षित मुसलमान अनुसंधान (तहकीकात) से जानते हैं कि मुहम्मद के बाद मौजूद बाइबिल के प्राचीन हस्तलिपियों में और मुहम्मद के समय पाये जाने वाले हस्तलिपियों में कोई अन्तर नहीं है। इसलिए यह दावा कि मुहम्मद का नाम बाइबिल में से हटाया गया है बेकार और बेबुनियाद है। फिर भी, यह दावा करते हैं कि, बाइबिल मे मुहम्मद का नाम साफ़-साफ़ नहीं बताया गया लेकिन मुहम्मद के नाम के बारे में कुछ निशानियाँ पाए जाते हैं। इस तरह यह दावा करते हैं कि मुहम्मद ईसाइयों, यहूदियों और सारे दुनिया के लोगों केलिए पैगंबर बन कर परमेश्वर के ओर से आया है। इस तर्क के साथ, बहुत सारे मुसल्मान ईसाइयों के पास आकर उन पर दबाव डालते हैं कि मुहम्मद पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि मुहम्मद दीन को मुकम्मल करने के लिए आया, यानि दीन-ए-इस्लाम को पेश करने के लिए आया है। हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि कुरान के कुछ आयतें हैं जो कहती हैं कि यीशु मसीह आने वाले एक पैगंबर के बारे में खुशखबरी सुनाये है, जिसका नाम अहमद है। कई मुस्लिम विद्वानों, जो मुहम्मद के नाम के लिए बाइबिल का अध्ययन किये हैं, यह दावा करते हैं कि इंजील के नया नियम में यूहन्ना रचित सुसमाचार में जो रुहुलकुद्दुस या पवित्र आत्मा के बारे में लिखी गई है, वह वास्तव में, मुहम्मद के बारे में की गई भविष्यवाणी है। वे इन वचनों को मुहम्मद पर लागू करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण केलिए यूहन्ना 14:16,15:26 और यूहन्ना 16:7 पढ़ें। इन दो वचनों में लिखी गई मूल ग्रीक (यूनानी) लफ़्ज़ "पराक्लेटोस" का अर्थ है "दिलासा देनेवाला", "वकील", या "सलाहकार"। बहुत सारे मुस्लिम विद्वान दावा करते हैं कि ग्रीक के मूल लेखनों में "पराक्लेटोस" है जो गलती है, इसकी जगह में "पेरीक्लुटोस" होना चाहिए, जो "अहमद" शब्द का एक करीबी अनुवाद है, जिसका अर्थ होता है "प्रशंसा के योग्य"।
हमें पहला यह बात जानना चाहिए कि ''अहमद'' और ''मुहम्मद'' दो अलग-अलग शब्द हैं। ''मुहम्मद'' एक नाम है जिसका अर्थ है "जो प्रशंसित हो", लेकिन ''अहमद'' शब्द जो है वह एक "विशेषण" (गुणवाचक शब्द) है, जिसका अर्थ है ''प्रशंसा या स्तुति के योग्य''। ऐसा लगता है कि मुहम्मद से पहिले "अहमद" लफ़्ज़ या शब्द को किसी के बारे में किसी नाम के तौर पर प्रयोग नहीं किया गया था। यही कारण है जिससे हम पूरे कुरान में कहीं भी इस्लाम के रसूल को अहमद के नाम से पुकारा गया नहीं पाते, बल्कि उसका नाम हर जगह मुहम्मद दिया गया है।
नया नियम के यूहन्ना रचित इंजील में पराक्लेटोस ("दिलासा देनेवाला" "वकील", या "सलाहकार") के बारे में जो बताया गया है, वह ''पवित्र आत्मा'' है जिसे कोई देख नहीं सकता है। वह विश्वासियों के साथ रहता है, और उन में होगा। वह उन्हें यीशु मसीह के बारे में गवाही देगा। यीशु मसीह जब विश्वासियों को तालीम देते थे तो इसी आत्मा के बारे में ज़िक्र करते थे।
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे, और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। प्रेरितों 1:8
यीशु मसीह की मौत के पच्चास दिन के बाद यह पवित्र आत्मा के वरदान का वाचा उन शिष्यों या शागिर्दों के जीवन में मुकम्मल हुआ। वह सब पेन्तेकुस्त के दिन आश्चर्यजनक रीति में हुआ। इस महान घटना का वर्णन करते हुए यीशु मसीह का एक शागिर्द पतरस इस तरह बयान करते हैं।
इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिस के हम सब गवाह हैं। इस प्रकार परमेश्वर के दहिने हाथ से सर्वोच्च पद पाकर, और पिता से वह पवित्र आत्मा प्राप्त करके जिस की प्रतिज्ञा की गई थी, उस ने यह उंडेल दिया है जो तुम देखते और सनते हो। प्रेरितों 2:32-33
इन बातों से हमें पता चलता है कि "पराक्लेटोस" सिर्फ़ परमेश्वर का आत्मा ही हो सकता है, वह एक इन्सान कभी नहीं हो सकता है। इसके अलावा, इस "पराक्लेटोस" जिसके बारे में यीशु मसीह ने वादा किया था कि वह पिता परमेश्वर से आएगा, जो वास्तव में यीशु मसीह के चेलों के जीवनकाल के दौरान ही आया था। लेकिन जब हम मुहम्मद को देखते हैं तो यीशु मसीह के सभी शिष्यों की मौत के ........ 500 वर्ष के बाद मुहम्मद का जन्म हुआ था।
मुसलमानों ने पुराने नियम, विशेष रूप से तौरात, मूसा की किताबों की खोज भी किए हैं ताकि उन में से कुछ वचनों को मुहम्मद से जोड कर उसे नबी साबित कर सकें। वे व्यवस्था विवरण के इन खंडों या पदों का हवाला देते हैं - व्यवस्था विवरण 18:15 और 18.
तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्थात तेरे भाइयों में से मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा, तू उसी की सुनना
सो मैं उनके लिये उनके भाइयों के बीच में से तेरे समान एक नबी को उत्पन्न करूंगा, और अपना वचन उसके मुंह में डालूंगा। और जिस जिस बात की मैं उसे आज्ञा दूंगा वही वह उनको कह सुनाएगा।
बहुत सारे मुसलमान यह दावा करते हैं कि यह नबी मूसा के बाद आएगा और मूसा की नाई रहेगा और वह मुहम्मद ही है। इन बातों को हम अगले भाग में देखेंगे ।
इसका अंग्रेज़ी मूल यहाँ पढ़ें - The Claim that Muhammad's Name has been Removed from the Bible